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(as of Jul 19, 2024 00:16:56 UTC – Details)
भारतीय उद्योग जगत् के सबसे चमकते सितारे, टाटा ग्रुप जैसे विशाल औद्योगिक साम्राज्य के सर्वेसर्वा ‘रतन टाटा’ का विश्व उद्योग-जगत् में अपना विशिष्ट स्थान है। वर्तमान परिवेश में टाटा ग्रुप को न केवल स्वदेश, बल्कि विदेशों में भी अहम स्थान दिलाने में उनकी भूमिका एवं नेतृत्व का सराहनीय योगदान रहा है।
उनकी सफलताओं और उद्यमिता के लिए उन्हें ‘भारतीय हेनरी फोर्ड’ शीर्षक से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत की ‘सड़क क्रांति का अग्रदूत’ कहकर संबोधित किया गया। ‘लखटकिया नैनो’ इनकी योग्यता एवं दूरदर्शिता का अनुपम उदाहरण है। टाटा ग्रुप को वर्तमान मुकाम तक पहुँचाने में उन अवस्थापनाओं, कार्य परिवेश एवं मानदंडों का भी एक सशक्त स्थान है, जो इन पुरोधाओं ने स्थापित किए; अत: ‘टाटा परिवार’ के उन सभी चमकते सितारों का प्रस्तुत पुस्तक में उल्लेख किया गया है, जिन्होंने इसके संचालन एवं इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए अनवरत कार्य किया।
‘बिजनेस कोहिनूर रतन टाटा’ व्यवसायी, व्यापारी, उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक ही नहीं, सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए प्रेरणादायी एवं मार्गदर्शक सिद्ध होगी।
Business Kohinoor: Ratan Tata by BC Pandey: Uncover the secrets of success and philanthropy with Business Kohinoor: Ratan Tata by BC Pandey.
This captivating biography offers a comprehensive account of Ratan Tata’s entrepreneurial journey, showcasing his visionary leadership and dedication to social causes. Pandey delves into Tata’s illustrious career, from spearheading the Tata Group to spearheading transformative initiatives such as the Nano car and the Tata Trusts. This book serves as an inspirational guide for aspiring entrepreneurs and business enthusiasts.
From the Publisher
Business Kohinoor : Ratan Tata by B C PANDEY
रतन के मार्गदर्शन में, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस सार्वजनिक निगम बनी और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुई।
रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिन्हे नवजबाई टाटा ने अपने पति रतनजी टाटा के मृत्यु के बाद गोद लिया था। जब रतन दस साल के थे और उनके छोटे भाई, जिमी, सात साल के तभी उनके माता-पिता (नवल और सोनू) मध्य 1940 के दशक में एक दुसरे से अलग हो गए। तत्पश्चात दोनों भाइयों का पालन-पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा द्वारा किया गया। रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है।रतन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से हुई और माध्यमिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से। इसके बाद उन्होंने अपना बी एस वास्तुकला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कॉर्नेल विश्वविद्यालय से 1962 में पूरा किया। तत्पश्चात उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से सन 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।रतन टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के सेवामुक्त चेयरमैन हैं। वे सन 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे। 28 दिसंबर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया परन्तु वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए हैं। वह टाटा ग्रुप के सभी प्रमुख कम्पनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टी, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के भी अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नई ऊंचाइयों छुआ और समूह का राजस्व भी कई गुना बढ़ा।
सम्मान और पुरस्कार
भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया। ये सम्मान देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं।
अनुक्रम
प्रस्तावनापारिवारिक पृष्ठभूमिजमशेदजी टाटासर दोराबजी टाटालेडी मेहरबाईरतन दादाभाई टाटासर रतन टाटालेडी नवाजबाईनवल होरमुसजी टाटाजे.आर.डी. टाटारतन टाटारतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप का सफररतन टाटा की दूरदर्शितापक्का इरादाटाटा के स्वामित्व की कुछ प्रसिद्ध कंपनियाँ एवं ब्रांडटाटा केमिकल्सटाटा मोटर्सटाटा चायटाटा पावरटाटा कंसल्टेंसी सर्विसेजटाटा टेलीसर्विसेजटाटा कम्युनिकेशंसटाटा स्काईटाइटन इंडस्ट्रीजतनिष्कटाटा टेक्नोलॉजीजवोल्टास लिमिटेडटाटा ए.आई.जी.
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ASIN : B01MA6SNRM
Publisher : Prabhat Prakashan (19 October 2016)
Language : Hindi
File size : 4773 KB
Text-to-Speech : Enabled
Screen Reader : Supported
Enhanced typesetting : Enabled
Word Wise : Not Enabled
Print length : 154 pages